
नजीबाबाद, संवाददाता । प्रसिद्ध शायर महेंद्र सिंह अश्क की जयन्ती के अवसर पर गुरुवार 24 जुलाई को उनके आवास साईं एनक्लेव पर आयोजित सम्मान समारोह में तीन प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। डॉ वीरेंद्र पुष्पक को ग़ज़ल के लिए, डॉ मृदुला त्यागी को शिक्षा के लिए और डॉ पंकज भारद्वाज को पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुधीर कुमार राणा ने की मुख्य अतिथि आकाशवाणी नजीबाबाद के कार्यक्रम प्रमुख शोभित शर्मा रहे। संचालन अमन कुमार त्यागी ने किया, संयोजक डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ रहे। इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने अश्कजी के बहुआयामी व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर प्रसिद्ध गीतकार धामपुर निवासी नरेन्द्रजीत अनाम की सरस्वती वंदना से हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुधीर कुमार राणा और मुख्य अतिथि शोभित शर्मा ने स्योहारा से आए डाॅ. वीरेन्द्र पुष्पक को ‘महेन्द्र अश्क साहित्य सम्मान’ से सम्मानित किया। इसी तरह नजीबाबाद की डाॅ. मृदुला त्यागी को ‘महेन्द्र अश्क शिक्षा सम्मान’ और बिजनौर से आए डाॅ. पंकज भारद्वाज को ‘महेन्द्र अश्क पत्रकारिता सम्मान’ से सम्मानित किया गया।संयोजक डाॅ. अनिल शर्मा ‘अनिल’ ने बताया कि ‘अश्क’ जी बहुमुखी प्रतिभा वाले व्यक्ति थे। शिक्षा का क्षेत्र हो, सामाजिक दायरा हो या फिर साहित्य का क्षेत्र हो। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में भी साक्षात्कार विधा को एक नया आयाम दिया है। दो पत्रिकाओं ‘ओपन डोर’ एवं ‘शोधदर्श’ की स्थापना भी उन्होंने अपने बड़े बेटे अमन के साथ की। उनकी जयन्ती पर प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है।
डाॅ. वीरेन्द्र पुष्पक ने कहा कि अश्क जी जैसा दूसरा शायर इस दुनिया ने पैदा नहीं किया है जो ग़ज़ल, नात, मनकबत, नोहे, दोहे, गीत, भजन, साक्षात्कार आदि विधाओं में महारत हासिल रखता हो और शिया व सुन्नी दोनों तबकों में बड़े प्रेम के साथ सुना जाता हो।डाॅ. मृदुला त्यागी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए यह सम्मान मुझे अभिभूत कर रहा है। इस सम्मान ने मेरी जिम्मेदारी और अधिक बढ़ा दी हैं।
डाॅ. पंकज भारद्वाज ने अश्क जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ लोग प्रसिद्ध होने के लिए काम करते हैं जबकि कुछ लोग सिद्धि के लिए काम करते हैं। अश्क जी ने साहित्य के क्षेत्र में फक्कड़ स्वभाव के साथ सिद्धि के लिए काम किया जिसके परिणाम में प्रसिद्धि स्वयं चली आयी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों ने अश्क जी के नाम पर बड़ी और ऐतिहासिक पहल की है। यह सिलसिला रुकना नहीं चाहिए, इसके लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा।
डाॅ. आफताब नौमानी ने कहा कि अश्क साहब वाकई सीधे और सरल व्यक्ति थे।
डाॅ. एस. के. जौहर ने सभी सम्मानित प्रतिभाओं को अंगवस्त्र ओढ़ाने के बाद अश्क जी के फक्कड़ स्वभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्हें न तो पैसे से प्रेम था और न ही पहनावे से। दवाइयों के शौकीन थे और मेरे उस्ताद होने के नाते मुझसे बहुत स्नेह रखते थे।आकाशवाणी नजीबाबाद के कार्यक्रम प्रभारी और सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि शोभित शर्मा ने कहा कि अश्क जी के व्यवहार से जितना प्रेम झलकता था उतना ही आकर्षक उनका साहित्य है। उन्होंने बताया कि एक बार आकाशवाणी के लिए गीतों की आवश्यकता थी, तमाम गीतकारों से गीत मंगाए गए मगर वो गीत इस लायक नहीं थे कि उनका चयन किया जा सके। अचानक अश्क जी आकाशवाणी आए तो केन्द्र निदेशक बशीर आरिफ साहब ने उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया। तभी कागज़ और पैन लेकर अश्क साहब ने वहीं बैठकर जो गीत लिखे वो आकाशवाणी के लिए धरोहर बन गए हैं। सच बात तो यह है कि उस दिन अश्क साहब ने राष्ट्रीय स्तर पर आकाशवाणी नजीबाबाद का मान बढ़ा दिया था।
कुमार मोनू रुबा ने बताया अश्क साहब मुझसे बहुत अधिक प्रेम रखते थे, डांटते भी थे और मेरे घर पर भी रहकर आते थे। उनके बिना शायरी की दुनिया अधूरी सी दिखाई दे रही है। पुनीत गोयल ने कहा कि साहब ने जो किया उस पर हम नजीबाबाद वासियों को गर्व है।
डॉ बेगराज यादव ने कहा अश्क जी छोटों को सम्मान देने वाले बड़े साहित्यकार थे। जिन पर आज हमें गर्व होता है।
अध्यक्षता कर रहे राज्य सम्मान से सम्मानित शिक्षक सुधीर राणा ने कहा कि अश्क साहब के साहित्य का मूल्यांकन करना अभी शेष है। आम आदमी की बात कहते थे और आम आदमी के बीच रहना उन्हें बहुत अच्छा लगता था। इस अवसर पर पुनीत गोयल, डाॅ. बेगराज यादव, गोविन्द सिंह बौद्ध, मंजू त्यागी, नितेश त्यागी, अक्षि त्यागी, तन्मय त्यागी, इन्द्रेश कश्यप आदि अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित थे।