
हरिद्वार, राष्ट्रीय पंचायत ब्यूरो। संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि 15वीं सदी के महान संत, कवि एवं समाज सुधारक रविदास ने समानता, भक्ति और मानवता का संदेश दिया। काशी में जन्मे रविदास जी ने जातिगत भेदभाव और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी शिक्षाएं भक्ति आंदोलन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनीं, जो आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।
प्रो. धर्मेंद्र बहादराबाद अंतर्गत अत्मलपुर बोंगला में शुक्रवार को आयोजित संत शिरोमणि गुरु रविदास विश्व महापीठ की महत्वपूर्ण प्रदेश स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी रचनाएं, जैसे बेगमपुरा की कल्पना, एक ऐसे समाज की बात करती हैं जहां कोई भेदभाव या दुख न हो। गुरु रविदास ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी को भी प्रभावित किया, और उनकी कई रचनाएं गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं।
इस बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी अक्टुबर में महापीठ का भव्य अधिवेशन आयोजित होगा। अधिवेशन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम, राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत सिंह, और गुजरात के पूर्व स्पीकर आत्मा राम भाई परमार सहित कई प्रमुख नेता भाग लेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इस अधिवेशन में 10 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। प्रत्येक गांव तक प्रचार की जिम्मेदारी प्रदेश और जिला पदाधिकारियों को सौंपी गई है। प्रोफेसर धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि महापीठ का उद्देश्य समाज को एक मंच पर लाना और संत शिरोमणि गुरु रविदास के जीवन और शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाना है।
जिलाध्यक्ष देशराज कपिल ने बताया कि यह अधिवेशन न केवल सामाजिक एकता को बढ़ावा देगा। बल्कि गुरु रविदास के आदर्शों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी प्रयास करेगा। कहा कि यह आयोजन समाज में समानता और भाईचारे के उनके संदेश को और सशक्त बनाएगा। इस मौके पर संरक्षक किशोर पाल, प्रदेश महामंत्री संगठन सतीश कुमार, उपाध्यक्ष राजेश गौतम, किशोर पाल, महंत मेहर चंद दास महाराज, विजयपाल सिंह, रिटायर्ड शिक्षक मोदीमल तेगवाल, दीपक सुर्या, संजय कुमार, संदीप कुमार, दीपचंद आदि बड़ी संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।




