
बिजनौर, राष्ट्रीय पंचायत ब्यूरो। विकसित भारत @2047 के प्रधानमंत्री के दूरदर्शी पहल के तहत, उत्तर प्रदेश को भी 2047 तक एक विकसित राज्य बनाने का संकल्प लिया गया है। इसी लक्ष्य को साकार करने के लिए, बिजनौर में “समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @ 2047” अभियान के तहत एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजित की गई ।
अभियान का उद्देश्य

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक समृद्ध और सम्मानित राज्य का निर्माण करना है। इसके लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा, जो तीन मुख्य विषयों- अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति, और जीवन शक्ति- और 12 सेक्टर्स- कृषि, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, आईटी, पर्यटन, शहरी और ग्रामीण विकास, अवस्थापना, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और सुशासन पर आधारित होगा।
कार्यशाला का शुभारंभ
डॉ. भीमराव अंबेडकर विकास भवन सभागार में दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यशाला की शुरुआत हुई। इस अवसर पर शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजनों, जिनमें सेवानिवृत्त आईपीएस सुधीर कुमार, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के सेवानिवृत्त प्रोफेसर हृदय शंकर सिंह, और सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता स्तर-1 राजीव जैन शामिल थे, ने अभियान के बारे में जन जागरूकता फैलाई। उन्होंने पिछले 8 वर्षों में प्रदेश के विकास के रोडमैप पर चर्चा की और नागरिकों से फीडबैक मांगा।
नागरिकों की भागीदारी
कार्यशाला में उपस्थित आम जनता, कृषक, उद्यमी, महिला स्वयंसेवी संगठन और मीडिया कर्मियों से QR कोड के माध्यम से अपने सुझाव देने का आग्रह किया गया। अभियान के लिए एक विशेष पोर्टल भी विकसित किया गया है। कार्यशाला में कई कृषकों और उद्यमियों ने अपने विचार व्यक्त किए।
समापन और उपस्थिति
कार्यशाला के अंत में, मुख्य विकास अधिकारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजनों के साथ-साथ मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, जिला विकास अधिकारी सुश्री रचना गुप्ता, उप कृषि निदेशक घनश्याम वर्मा, उपायुक्त उद्योग अमित जुरैल, जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण यादव समेत कई अन्य अधिकारी, उद्यमी, कृषक, महिला समूह, स्वयंसेवी संगठन और शिक्षक उपस्थित थे।

