
नजीबाबाद, राष्ट्रीय पंचायत संवाददाता। वन विभाग ने नजीबाबाद के ग्राम गुलालवाली के किसानों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें भूमि को आरक्षित वन क्षेत्र बताया गया है। भाकियू ने दबाव नहीं बनाने की मांग की है। ग्रामीणों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।

भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को संगठन के युवा प्रदेश महासचिव वरिंदर सिंह बाठ के नेतृत्व में एसडीएम के कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा ग्राम गुलालवाली उर्फ सीतावाली के ग्रामीणों को वन विभाग द्वारा नोटिस जारी किये जाने का विरोध करते हुए एसडीएम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। भाकियू कार्यकर्ताओं का आरोप है कि गाटा संख्या 135, 161 तथा 348 पर ग्राम गुलालवाली सन् 1952 से बसा हुआ है। अब वन विभाग द्वारा वहां के काश्तकारों एवं ग्रामीणों को नोटिस भेजकर उन पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। नोटिस में गांव की भूमि को आरक्षित वन क्षेत्र बताया गया है। ग्रामीणों ने डीएफओ को भी इस संबंध में ज्ञापन दिया है।

राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि गांव गुलालवाली उर्फ सीतावाली तहसील नजीबाबाद, जिला बिजनौर सन् 1952 से बसा हुआ है। क्षेत्रीय वन विभाग द्वारा अनावश्यक दबाव बनाने के लिए सभी ग्रामीणों को नोटिस गए हैं। जिस संबंध में वन विभाग द्वारा ग्रामीणों को नोटिस दिए प्रेषित किए गए हैं, उस संबंध में न्यायालय सिविल जज, सीनियर डिवीजन बिजनौर में वाद संख्या 905/2025 अमर सिंह आदि बनाम उप्र सरकार आदि विचाराधीन है। इसमें सुनवाई के लिए 01 सितंबर 2025 की तिथि नियत है। पीड़ितों के गांव में तीन सौ परिवार निवास कर रहे हैं, जिसकी आबादी लगभग 2500 है। गांव में प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सरकारी आवास, सरकारी शौचालय, सीसी रोड आदि सरकार की सभी योजनाओं से ग्रामीण लाभान्वित हैं। पहले यह गांव अम्बेडकर ग्राम में शामिल था। अब उपरोक्त गांव आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत है। इसलिए वन विभाग द्वारा भेजे गए नोटिस से ग्रामीण मानसिक रूप से अत्यधिक परेशान हैं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि वन विभाग को आदेश दिया जाए कि न्यायालय सिविल जज, सीनियर डिवीजन बिजनौर में विचाराधीन वाद संख्या 905/2025 अमर सिंह आदि बनाम उप्र सरकार आदि के निस्तारण से पूर्व ग्रामीणों को किसी भी तरह परेशान न करे। ज्ञापन में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।



