देशराजनीति

सरकारी स्कूलों को मर्ज किए जाने के विरोध में बरेली में निकाली गई बाइक रैली।

बरेली शहर में हर मोर्चे पर दिखा “शिक्षा बचाओ संघर्ष मोर्चा” का संघर्ष

– 50 बच्चों से कम संख्या वाले परिषदीय स्कूलों को बंद किए जाने के विरोध में निकाली एतिहासिक बाइक रैली

– सैकड़ों संगठनों ने मिलकर सरकार के फैसले के खिलाफ भरी हुंकार, शिक्षकों-छात्रों और अभिभावकों ने किया प्रतिभाग

 

संवाददाता, गोवर्धन मीडिया
बरेली।
सरकारी विद्यालयों की मर्जर नीति के खिलाफ जनपद बरेली में शुक्रवार को “शिक्षा बचाओ संघर्ष मोर्चा” के बैनर तले एक ऐतिहासिक बाइक रैली निकाली गई। जिसमें जिले भर के हजारों शिक्षक, कर्मचारी और छात्र संगठनों ने एकजुट होकर भाग लिया और सरकार की “50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के मर्जर” प्रक्रिया का तीखा विरोध किया। रैली गांधी उद्यान से शुरू होकर चोपड़ा पुल, किला, मिनी बायपास, इज्जतनगर, डेलापीर, श्यामतगंज, विकास भवन, बीएसए कार्यालय होते हुए गांधी उद्यान पर समाप्त हुई। बाइक रैली के दौरान “शिक्षा का मर्डर नहीं सहेंगे”, “विद्यालय बचाओ बच्चों का हक बचाओ”, जैसे नारों से शहर की सड़कों पर गूंज सुनाई दी।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि यह केवल मर्जर नहीं, बल्कि सरकारी स्कूलों का मर्डर है। गरीब, पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों से उनका शिक्षा का अधिकार छीना जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया शिक्षा के निजीकरण और व्यवसायीकरण की ओर एक खतरनाक कदम है। प्रदर्शन में प्राथमिक शिक्षक संघ, जूनियर शिक्षक संघ, यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा), राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, महिला शिक्षक संघ, अटेवा, टीएससीटी, एससीएसटी संगठन, टेट मोर्चा, बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और परिवर्तनकामी छात्र संगठन सहित कई संगठनों ने भाग लिया। इस मौके पर प्रमुख वक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर यह मर्जर नीति वापस नहीं ली गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान बरेली ट्रेड यूनियंस फेडरेशन की ओर से मुकेश सक्सेना, डॉ. अंचल अहरी, डीसी मौर्य, डॉ मुनीश, ललित, जितेंद्र मिश्रा, सर्वेश मौर्य, हरि शंकर, सलीम अहमद, कैलाश, फैसल, दिशा आदि शामिल रहे।

मुख्य तौर पर ये संगठन रहे मौजूद
– प्राथमिक शिक्षक संघ अध्यक्ष नरेश गंगवार
– जूनियर शिक्षक संघ मंडल अध्यक्ष विनोद शर्मा
– यूटा जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह
– राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ अध्यक्ष प्रियंका शुक्ला
– महिला शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रवेश कुमारी यादव
– अटेवा अध्यक्ष मुनीश कुमार
– टीएससीटी अध्यक्ष अनुज गंगवार
– ट्रेड यूनियन फेडरेशन महामंत्री संजीव मेहरोत्रा
– क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन के सचिव फैसल
– परिवर्तनकामी छात्र संगठन से कैलाश
– मीडिया प्रभारी सतेंद्र पाल सिंह सहित कई शिक्षक नेता, महिला शिक्षिकाएं और छात्र छात्राएं शामिल रहें।

ढपली बजाते हुए जोशीले तराने और नारों से किया विरोध

विरोध प्रदर्शन के दौरान युवाओं की कुछ टोली ने ढपली बजाते हुए जोशीले तराने गाए। उन्होंने नारे लगाते हुए स्कूलों को बंद किए जाने का जोरशोर के साथ विरोध किया। भारी भीड़ के बीच “सनक उठी सरकार जागो, जागो रे…”, “जागे हैं हम पढ़ने वाले, जागे हैं हम पढ़ाने वाले…”, “होश में आओ लूटने वाले…”, “कर दो आरम्पार जागो, जागों…” आदि तरानें और नारें लगाती युवाओं की टोलियों ने विरोध प्रदर्शन को धार देने का भरसक प्रयास किया है। प्रदर्शन के दौरान जोशीले तराने गाते हुए नारे लगाने का श्रेय साथी दिशा, कैलाश, केपी सिंह, फैसल आदि को दिया गया।

“बर्दाश्त नहीं किया जाएगा शिक्षा पर कुठराघात…”

“50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों को मर्ज” करने के लिए शुरू की गई सरकार की प्रक्रिया का सभी संगठनों ने मिलकर जोरदार विरोध किया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी संगठनों ने साफ संदेश दिया कि शिक्षा पर कुठाराघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह लड़ाई सिर्फ सरकारी स्कूलों के नहीं, बल्कि देश के भविष्य के लिए है। गौरतलब है कि सरकार की इस प्रक्रिया के विरोध में बरेली के स्तर पर कई संगठनों ने मिलकर संयुक्त रूप से एक मोर्चा बनाया है। जिसे नाम दिया गया है “शिक्षा बचाओ मोर्चा”। जिसके संयोजक साथी फैसल हैं। इस मोर्चे में बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन और कुछ शिक्षक संगठन भी शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!