
बिजनौर, राष्ट्रीय पंचायत संवाददाता। राजा ज्वाला प्रसाद आर्य इंटर कॉलेज बिजनौर के नागरिक शास्त्र प्रवक्ता विनोद कुमार यादव को शिक्षक दिवस पर शुक्रवार को जैन धर्मशाला में रोटरी क्लब बिजनौर द्वारा आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि बिजनौर सदर विधायक के प्रतिनिधि ऐश्वर्य चौधरी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, समाज की आत्मा होता है। जैसे अपने शिष्य को चाहता है, वैसे ही साँचे में ढाल देता है। नैतिक चारित्रिक गुणों का विकास करता है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य कैप्टन बिशन लाल ने कहा कि विनोद यादव अपने विषय में मर्मज्ञ हैं,संवेदनशील हैं। उन्होंने सामाजिक कार्यों, सामुदायिक विकास में महती योगदान दिया है। वे छात्रों के नैतिक ,चारित्रिक गुणों के विकास के लिए पूरे मनोयोग से समर्पित रहते हैं। कॉलेज कैम्पस में बिजली, पानी, के अपव्यय पर विशेष रूप से ध्यान देते हैं। चलते पंखे ,लाइट का स्विच ऑफ खुद देखते ही कर देते हैं। विद्यालय हित में अपनी इसी सोच के कारण विनोद जी दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हैं । इन्होंने एक दूसरे को सीख दी है कि जैसे अपनी खुद के मकान को सम्पत्ति समझते हैं, वैसे ही जहां से हम सबकी रोजी रोटी और बच्चों का पेट पल रहा है सरकारी संपत्ति होने के बाद उसे अपनी संपत्ति समझें यही राष्ट्र हित में है और विद्यालय हित में है। विनोद जी को सम्मानित होने पर पूरा विद्यालय परिवार हर्षित और गौरवान्वित है। पूरा विद्यालय परिवार उन्हें बधाई देता है और उनके उन्नत उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
इस अवसर पर समाजसेवी प्रशांत महर्षि ने विनोद यादव के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला और कहा कि रोटरी क्लब बिजनौर ने जिन शिक्षकों को 2025 में सम्मानित करने चयन किया, उन्होंने अपनी अपनी विधा, कला, कौशल, ज्ञान से समाज को लाभान्वित किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रियंक अग्रवाल और संचालन एडवोकेट गौरव भारद्वाज ने किया।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य ग़यूर आसिफ साहब, सुधांशु वत्स, एस पी गंगवार, बालेश कुमार, नरेंद्र सिंह सुधीर राजपूत, बृजेश कुमार, मनोज कुमार यादव, सुबास बाबू, चंद्रहास सिंह, मो अनस, भूपेंद्र पाल सिंह, तेजपाल सिंह, कर्णवीर सिंह अलका अग्रवाल भोलानाथ, प्रदीप सिंह लक्षेश ,वाजिद हुसैन, जयप्रकाश पटेल, नरेश, विनीत कुमार अमन यादव कुमुद चौहान छवि गर्ग, पुष्पेंद्र कुमार उपस्थित रहे।



