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नायब तहसीलदार राजकुमार ने पिस्टल से गोली मारकर दे दी जान 

- बिजनौर में सदर तहसील में नायब तहसीलदार थे राजकुमार, अपनी लाइसेंसी पिस्टल से खुदी को मारी गोली

– आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं, किसी महिला से विवाद से पैदा हुए तनाव के कयास, फिलहाल जांच में जुटी पुलिस 

बिजनौर, राष्ट्रीय पंचायत संवाददाता। बिजनौर में नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी (38) ने लाइसेंसी पिस्टल से सिर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। नायब तहसीलदार सरकारी काम से मं गलवार को इलाहाबाद कोर्ट गए थे। बुधवार की सुबह 8 बजे सरकारी आवास पर लौटे। पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा को परिवार ने बताया- घर पहुंचने के बाद उन्होंने कमरा बंद कर लिया। करीब साढ़े 10 बजे खुद को गोली मारी। आवाज सुनकर हम लोग पहुंचे। देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। 15- 20 मिनट तक दरवाजा नहीं खुला, तो तोड़कर उन्हें बाहर निकाला। उनके सिर से खून निकल रहा था।

परिवार आनन-फानन में उन्हें बीना प्रकाश अस्पताल ले गए। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही डीएम जसजीत कौर मौके पर पहुंचीं। एसपी ने बताया- पुलिस ने घटनास्थल को सील कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने उस लाइसेंसी पिस्टल को कब्जे में ले लिया है, जिससे गोली मारी गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

जिला बागपत के गांव नागल निवासी राजकुमार चौधरी की शादी 2014 में शामली के गांव खानपुर बुटराडा निवासी आंचल पुत्री बिजेंद्र से हुई थी। वह पहले दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर थे। 2014 रजिस्ट्रार कानूनगो के पद पर भर्ती हुए, तो सिपाही की नौकरी छोड़ दी। 2022 में नायब तहसीलदार बनने के बाद परिवार के साथ आफिसर कालोनी बिजनौर में रह रहे थे। उनकी दस साल की बेटी सिया और डेढ़ साल की शाबी हैं। सिया सेंट मैरी स्कूल में कक्षा नौ में पढ़ती है। घरवालों के मुताबिक, इलाहाबाद से लौटने के बाद वह अपने रूम में थे। हम लोग दूसरे कमरे में थे। सुबह साढ़े 10 बजे उनके कमरे से अचानक गोली चलने की आवाज आई।

हम लोग कमरे की तरफ दौड़े तो दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद शोर मचाया तो मौके पर एसडीएम सदर रितु रानी, एडीएम प्रशासन विनय सिंह मौके पर पहुंचे। दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला गया। तत्काल तहसीलदार की गाड़ी में इनको सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने तत्काल मेरठ ले जाने की सलाह दी।

हालत क्रिटिकल देखते हुए शहर के ही बीना प्रकाश अस्पताल ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों का कहना है कि गोली सिर के आरपार हो गई थी। जिससे सिर में गहरा घाव हो गया, कई नसें फट गईं। काफी प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

इस प्रकरण में डीएम जसजीत कौर का कहना कि पुलिस प्रकरण की जांच कर रही है। अभी तक जांच में कुछ व्यक्तिगत विवाद होना ही सामने आ रहा है। दो-तीन दिन में पुलिस जांच में सब साफ हो जाएगा। मगर, राजकुमार की आत्महत्या को लेकर लोग कई कयास लगा रहे हैं। कुछ दिन पहले नायब तहसीलदार राजकुमार किसी महिला से हुए विवाद के कारण चर्चा में आए थे। उक्त महिला ने राजकुमार पर कुछ गंभीर आरोप लगाए थे। इस दौरान महिला द्वारा काफी बखेड़ा किया गया था। हालांकि बाद में कुछ गणमान्य लोगों ने इस मामले को निपटवा दिया था।

03 महीने पहले नगीना से दोबारा सदर तहसील हुआ था ट्रांसफर

राजकुमार की ज्वाइनिंग राजस्व निरीक्षक (आरआई) के रूप में बागपत में हुई थी। इसके बाद प्रमोशन पाकर नायब तहसीलदार बने। 30 जून, 2022 को बिजनौर जिले में ज्वाइन किया। 2 जुलाई, 2022 को नजीबाबाद में नायब तहसीलदार के पद पर तबादला हुआ और 4 जुलाई को ज्वाइन किया।

14 अगस्त 2023 को नजीबाबाद से बिजनौर की सदर तहसील में ट्रांसफर होकर आए थे। 6 जून 2024 को यहां से फिर नगीना तहसील में तबादला हो गया था। 11 महीने नगीना में कार्यभार संभाला और 13 मई 2025 को फिर से इनका तबादला सदर तहसील में हो गया था।

“कुछ नहीं बचा, अब हमारा क्या होगा…”

राजकुमार के पिता कुंवरपाल ने बताया- बेटे की शादी 2014 में शामली के गांव से हुई थी। बहू और बेटे ने कभी किसी प्रकार के तनाव वाली बात नहीं बताई। वो कल ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में किसी मामले में जवाब दाखिल करने गया था। सुबह ही वहां से लौटा था। उस समय भी ठीक था। अचानक उसने ऐसा क्यों किया कुछ समझ नहीं आ रहा।

हम लोग बेटे के सहारे जी रहे हैं। वो चला गया। अब मेरी दुनिया में अंधेरे के अलावा कुछ नहीं बचा। अब हमारा क्या होगा ? माता संतोष देवी और पिता कुंवरपाल गांव में रहते हैं। इस समय वह बेटे राजकुमार के पास आए हुए थे। पिता चार दिन पहले ही आए थे, जबकि मां पहले से ही थी। सुबह करीब दस बजे राजकुमार प्रयागराज से लौटें। बाहर खड़े पिता से बातचीत की। इसके बाद वह कमरे में चले गए। पत्नी खाना बनाने के लिए रसोई में चली गई। मां आंगन में बैठी थीं।

कुछ नहीं बोल पा रही पत्नी आंचल

नायब तहसीलदार राजकुमार की पत्नी आंचल गहरे सदमे में हैं। घटना के बाद से वह कुछ नहीं बोल पा रही हैं। गुमसुम बिस्तर पर बैठी हुई हैं। अधिकारियों ने बात करनी चाहिए, लेकिन वह कुछ नहीं बोल पाईं। घटना के बाद बड़ी बेटी को स्कूल से बुला लिया गया। दोनों बेटी को आफिसर कॉलोनी के अन्य अधिकारी के आवास पर बैठा दिया गया। छोटी बेटी अनहोनी से पूरी तरह अनजान थी।

बेहद जिंदादिल इंसान थे राजकुमार

नायब तहसीलदार की मौत की जानकारी बुधवार की सुबह जिसे भी मिली वहीं अवाक रह गया। उनके जानने वाले बताते हैं कि नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी जिंदा दिल इंसान थे और कभी उन्हें तनाव में नहीं देखा था। घटना के बाद अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक यहीं चर्चा अधिकारियों और सहकर्मियों में रही कि अचानक ऐसा क्या हुआ होगा, कि इस तरह का कदम उठाना पड़ा।

32 बोर की गोली से हुई मौत, आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट

नायब तहसीलदार राजकुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार की शाम चिकित्सकों ने अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि गोली लगने से ही हेड इंजरी हुई, जोकि उनकी मौत का कारण बनी। पोस्टमार्टम में सामने आया कि नायब तहसीलदार को 32 बोर की गोली लगी थी और सिर के आरपार हो गई।

नायब तहसीलदार की मौत से गांव नागल में हर कोई स्तब्ध

छपरौली (बागपत)। बिजनौर सदर तहसील में नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी के आत्महत्या करने की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। गांव नागल में शोक की लहर दौड़ गई। देखते ही देखते उनके घर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया। राजकुमार अपने पिता की इकलौती संतान थे।

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