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बेसिक शिक्षकों के म्यूचुअल ट्रांसफर में भी फ्रॉड, ठगी और वसूली का गोरखधंधा

पुलिस तक पहुंचीं शिकायतें, बीएसए ने दिए जांच के निर्देश

लखनऊ, 29 मई। बेसिक शिक्षकों के परस्पर तबादले में एक-दूसरे से धोखाधड़ी और अवैध वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। कई जगहों से ऐसी शिकायतें मिली, तो बीएसए को जांच के निर्देश देने पड़े। लखनऊ में तो दो मामले पकड़ में आ गए। इनमें एक शिक्षक ने दूसरे की शिकायत की है और अब आरोपों की जांच की जा रही है। खुद शिक्षकों का ही कहना है कि ऐसी शिकायतें बहुत हैं लेकिन सभी खुलकर सामने नहीं आना चाहते। कहीं पर रुपये के लेनदेन की शिकायत आ रही है तो कहीं पर आपस में दबाव बनाने की शिकायतें हैं। ये दो मामले तो ऐसे हैं, जहां खुद बीएसए को जांच के आदेश करने पड़े और धोखाधड़ी की शिकायत पुलिस तक पहुंची है।

ऑनलाइन है ट्रांसफर की प्रक्रिया

बेसिक शिक्षकों के म्यूचुअल ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। प्रक्रिया के अनुसार शिक्षकों से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट खोली गई। शिक्षकों ने तय समय में रजिस्ट्रेशन किए। तदुपरांत खंड शिक्षाधिकारियों ने सभी आवेदनों का सत्यापन किया। उसके बाद हर जिले के आवेदकों की पूरी लिस्ट बीएसए ऑफिस को भेज दी और फिर वेबसाइट पर अपलोड की गई।

प्रक्रिया के अनुसार वेबसाइट पर लिस्ट अपलोड होने के बाद शिक्षक यह देख सकते हैं कि दूसरे जिले से कौन शिक्षक उनके जिले में आना चाहता है। आपस में बात करके या लिस्ट देखकर वे अपने पसंदीदा तीन जिलों में पेयर बना सकते हैं, जिसके साथ पेयर बनाया उसके मोबाइल नंबर पर ओटीपी जाएगा। उससे पेयर बनाने वाला शिक्षक ओटीपी मांगेगा। वह ओटीपी दे देता है तो फिर वह पेयर बना लेगा।

प्रक्रिया में सुधार की जरूरत
इस तरह की शिकायतें अब शिक्षकों के बीच और विभाग में भी विमर्श का विषय बनी हैं। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि कुछ शिक्षक ऐसा करते हैं, लेकिन इससे दूसरे शिक्षक का ही नुकसान होता है। मामले की ठीक से जांच होनी चाहिए और जो दोषी हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए। साथ ही प्रक्रिया में भी कुछ ऐसे सुधार किए जाने चाहिए, जिससे किसी तरह की गड़बड़ी की आशंका न हो।

गड़बड़ी के मामले

केस नंबर: 01
रामपुर के स्वार में एक प्राइमरी टीचर ने सहारनपुर के एक शिक्षक से ऑनलाइन म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए उन्होंने ओटीपी मांगा। शिक्षक ने 12.20 लाख रुपये मांगे और ओटीपी शेयर नहीं किया। इस शिकायत पर सहारनपुर की बेसिक शिक्षा अधिकारी कुमारी कोमल ने सढ़ोली कदीम और नकुड़ ब्लॉक के दो खंड शिक्षा अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। उनका कहना है कि मामले की शिकायत आने के बाद वह जांच करवा रही हैं। दोनों में से कौन शिक्षक गलत है, यह जांच के बाद ही पता चलेगा।

केस नंबर: 02
मुजफ्फरनगर के एक शिक्षक ने वहां के एसएसपी को पत्र लिखकर अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। शिक्षक ने बताया कि 26 मई को उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। बीएसए ऑफिस का कर्मचारी बताकर उनसे ओटीपी मांगा गया। कहा कि उनकी सर्विस बुक में कुछ खामी है, वह ठीक करनी है। ओटीपी बताने के बाद उनको धोखाधड़ी का अंदेशा हुआ। छानबीन करने पर पता चला कि वह कॉल सहारनपुर के एक अपर प्राइमरी स्कूल के शिक्षक की थी। उस शिक्षक ने ओटीपी लेकर फर्जी तरीके से म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए उनके साथ जोड़ा बना लिया।

परस्पर तबादले के नाम पर की लाखों रुपये की ठगी
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से बुधवार को परस्पर तबादले का आदेश जारी कर दिया गया किंतु शिक्षकों की ओर से इसमें आपस में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। सहारनपुर में एक शिक्षक ने एक अन्य शिक्षक से परस्पर तबादले के लिए 12.20 लाख रुपये लेने और ओटीपी शेयर न करने का आरोप लगाया है। बीएसए सहारनपुर ने इस पर जांच कमेटी बना दी है। वहीं मुजफ्फरनगर में भी शिक्षक के साथ परस्पर तबादले के लिए जोड़ा बनाने में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है।

इस तरह के मामलों की जांच करवाई जाएगी। जो भी दोषी होगा सख्त कार्रवाई की जाएगी। – कंचन वर्मा, महानिदेशक, स्कूल शिक्षा

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