श्रमिकों को उनके अधिकारों एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति करें जागरूक
कारखाना मालिकों को सहायक निदेशक ने दिए निर्देश
बिजनौर, 30 अप्रैल। सहायक निदेशक कारखाना, उप्र बिजनौर सुरेंद्र बहादुर ने जिले के सभी कारखानों के मालिकों को जारी एक पत्र में निर्देश दिए हैं कि अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर एक मई को उत्तर प्रदेश शासन तथा प्रदेश के श्रम आयुक्त मार्कण्डेय शाही के निर्देशों के अनुसार कारखानों में कार्यरत श्रमिकों को उनके अधिकारों और स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएं।
उन्होंने कारखानों के नियोजकों से कहा है कि प्रत्येक श्रमिक को कार्यस्थल पर उसके स्वास्थ्य व सुरक्षा के सम्बन्ध में सभी जानकारी तथा आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त करना उसका अधिकार है। यदि किसी श्रमिक को प्रतीत होता है कि किसी कार्य या ढांचे से दुर्घटना का खतरा है तो वह सीधे कारखाना प्रबन्धक या कारखाना निरीक्षक को अवगत करा सकता है। सवैतनिक साप्ताहिक अवकाश प्रत्येक श्रमिक को प्रदान किया जायेगा। सप्ताह में 48 घण्टे से अधिक कार्य करने पर अतिरिक्त घण्टे हेतु साधारण वेतन के दो गुने की दर से वेतन भुगतान किया जायेगा। खतरनाक रसायनों में संलिप्त श्रमिकों का प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य परीक्षण निःशुल्क कराये जाने का प्राविधान है। कार्यस्थल पर समुचित प्रकाश व पानी पीने की व्यवस्था होनी चाहिए। पुरुष महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए। कारखाने में 30 से अधिक महिलाएं कार्यरत होने पर क्रेच की व्यवस्था नियोजक द्वारा कराने का प्रावधान है।
महिलाओं से रात्रि में कुछ शर्तों के साथ कार्य कराया जा सकता है। नियोजक को कार्यस्थल से महिला श्रमिक के घर तक आने-जाने की व्यवस्था करना अनिवार्य रहेगा। खतरनाक प्रकृति के कारखानों में नियोजक द्वारा सुरक्षा समिति का गठन किया जायेगा, जिसमें 50 प्रतिशत श्रमिकों की भागीदारी रहेगी। प्रत्येक तीन महीने में एक बैठक आवश्यक होगी। श्रमिक स्वास्थ्य व सुरक्षा के सम्बन्ध में समिति को अपने सुझाव दे सकते हैं।
उन्होंने कहा है कि इस अवसर पर स्वास्थ्य व सुरक्षा से संबंधित दिशा-निर्देशों / प्राविधानों व श्रमिकों को उनके अधिकार को नियोजक विभिन्न माध्यमों से जागरूक करना सुनिश्चित करें।