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भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को घर-घर पहुंचानें की है आवश्यकता – गोविंद बौद्ध

नजीबाबाद,12 मई 2025। बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ के तत्वावधान में तिरुपति बालाजी कॉलोनी स्थित विश्वविद्यापीठ के कार्यलय पर महाकारूणिक तथागत बुद्ध की 2587वीं बुद्ध पूर्णिमा (त्रिगुणी वैशाख पूर्णिमा) के मंगल अवसर पर धम्म देशना कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती प्रज्वलित एवं पुष्प अर्पित कर किया गया। बौद्ध भिक्षु भंते संघ रत्न जी द्वारा संसार के सभी प्राणियों की मंगल कामना के लिए सूत्र पठन का पाठ किया गया।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए बौद्धाचार्य राकेश मोहन भारती, प्रदेश महासचिव दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया उत्तर प्रदेश ने बुद्ध पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान बुद्ध का 563 ई० पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन लुंबिनी वन में जन्म हुआ और वैशाख पूर्णिमा को ही बोधगया में कठिन तपस्या के पश्चात ज्ञान प्राप्त हुआ। और वैशाख पूर्णिमा को ही कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ।
इस अवसर पर बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ के अध्यक्ष गोविंद सिंह बौद्ध ने कहा कि आज के समय में हमें भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को घर घर पहुंचानें की आवश्यकता है ताकि समाज एकजुट होकर आगे बढ़ सकें। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोविंद सिंह बौद्ध ने तथा संचालन धर्मवीर सिंह ने किया। कार्यक्रम में भगवान बुद्ध की शिक्षा को ग्रहण करने और उनके बताए मार्ग पर चलने पर जोर दिया।
इस अवसर पर अंजूषा सिंह, आकृति सिंह, ओजस्व सिंह, धर्मवीर सिंह , अनुज कुमार, उमा आदि की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित उपासक- उपासिकाओं को प्रसाद (खीर) का वितरण किया गया।

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