बिजनौर, 13 मई। बिजनौर में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग ने हेरिटेज होटल के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना शुरू की है। डीएम जसजीत कौर ने आज यहां इस योजना के सम्बंध में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत 1950 से पूर्व निर्मित पुराने भवनों, किलों, हवेलियों, कोठियों और महलों को होटल में बदला जा सकता है। इन्हें हेरिटेज होटल की श्रेणी में रखा जाएगा। इन भवनों की वास्तुकला में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
हेरिटेज होटल के लिए अलग-अलग श्रेणियां तय की गई हैं। सामान्य हेरिटेज होटल में कम से कम 5 कमरे होने चाहिए। हेरिटेज क्लासिक होटल 1935 से पहले के भवन में बनाना होगा और इसमें कम से कम 15 कमरे जरूरी हैं। हेरिटेज ग्रैंड होटल 1920 से पहले के भवन में होना चाहिए और इसमें भी न्यूनतम 15 कमरे अनिवार्य हैं। जबकि विरासत ग्रह प्रवास पर्यटन इकाइयां, जिसमें पर्यटक सामान्य निवास स्थान में गृह स्वामी या उसके परिवार के किसी सदस्य के साथ रहता है। हेरीटेज होम स्टे का भवन 1950 से पहले का बना हुआ होना चाहिए और इसमें कम से कम दो से चार कमरों का संचालन किया जाना अनिवार्य है।
डीएम ने बताया कि विशेष प्रोत्साहन योजना में कई तरह की छूट दी जाएगी। पूंजीगत लागत पर 25% तक सब्सिडी मिलेगी। 5 करोड़ तक के बैंक ऋण पर 5 साल के लिए 5% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। स्टांप ड्यूटी और भूमि उपयोग परिवर्तन शुल्क में 100% छूट मिलेगी। पहले साल के उत्पाद शुल्क पर 50% की प्रतिपूर्ति होगी।
निवेश के आधार पर सब्सिडी का प्रावधान है। 10 लाख से 10 करोड़ तक के निवेश पर 25%, 50 करोड़ तक 20%, 200 करोड़ तक 15% और 500 करोड़ तक 10% सब्सिडी मिलेगी। जिलाधिकारी ने लोगों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है।