
बिजनौर, 07 मई। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कहा कि पौराणिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मालन नदी का पुनरोद्धार किया जाना अत्यंत आवश्यक है, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा कार्ययोजना तैयार की गई है।
जिलाधिकारी श्रीमती कौर बुधवार को कलक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार मे पौराणिक मालन नदी का पुनरोद्धार कराए जाने के सम्बंध में आयोजित की गई बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने बताया कि महाकवि कालिदास द्वारा रचित नाट्यग्रंथ अभिज्ञान शकुन्तलम के अनुसार महर्षि कण्व का आश्रम मालिनी नदी (आज की मालन) एवं गंगा के संगम पर अवस्थित था। यही स्थान सम्राट दुष्यंत एवं ऋषि की पालित पुत्री शकुन्तला की प्रणय स्थली रही है। इन्ही के पुत्र भरत के नाम पर हमारे देश का नाम भारत पड़ा। दोनों नदियों का संगम स्थल वर्तमान में बिजनौर शहर से 12 किमी दूरी पर स्थित ग्राम रावली के रूप में पहचाना जाता है, जो इस जनपद का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
जिलाधिकारी ने बताया कि सर्वप्रथम मालन नदी का ड्रोन सर्वे कराया जाएगा कर ताकि उसके प्रवाह मार्ग एवं सीमाओं का लेखपालों द्वारा चिन्हांकन किया जा सके। तदुपरांत नदी के दोनों किनारों पर बन्ध बनाएं जाएंगे और बन्धों के दोनों ओर बांस एवं अन्य पौधों का रोपण किया जाएगा तथा ग्राम से गुजरने वाली मालन नदी के बंधों पर इंटरलॉकिंग, बैंच एवं पौधारोपण का कार्य भी कराया जाएगा, ताकि वहां ग्रामवासी मनोरंजन कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि नदी का चिन्हांकन एवं पैमाईश का कार्य करते समय संबंधित ग्राम प्रधान को भी अनिवार्य रूप से अपने साथ रखें तथा उनका सहयोग भी प्राप्त करें। उन्होंने बताया कि पैमाईश के बाद टीए कार्य का एस्टिमेट बना कर प्रस्तुत करेंगे और यथाशीघ्र कार्य शुरू कराया जाएगा।
डीएम ने सभी संबंधित उप जिलाधिकारियों एवं सिंचाई विभाग अफजलगढ़ को निर्देश दिए कि विकास विभाग के साथ आपसी तालमेल स्थापित करते हुए इस कार्य को पूरा करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उपायुक्त मनरेगा को निर्देश दिए कि फौरन मालन नदी के चिन्हाकन का कार्य प्रारम्भ करें और सर्वे कार्य की वीडियो भी बनाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वाहट्स ग्रुप बनाएं और सम्पूर्ण कार्य की प्रगति की समीक्षा करें और जिस स्तर पर भी कार्य में लापरवाही संज्ञानित हो, तत्काल कार्य में अपेक्षित प्रगति लाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता सिंचाई खण्ड अफजलगढ़ को निर्देश दिए कि अपने क्षेत्र में प्रति जेई को पांच गांवों का आवंटन कर उनकी निगरानी में मालन नदी के पुनरोद्धार कार्य सम्पादित कराना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, उप जिलाधिकारी सदर अश्विनी कुमार व नगीना आशुतोष जैसवाल, डीसी मनरेगा, तहसीलदार सहित अन्य विभागीय अधिकारी लेखपाल मौजूद थे।