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“पांच साल से पहले कोई भी स्कूल नहीं बदलेगा विद्यार्थियों की ड्रेस”

जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जनपद के स्कूल संचालकों को दिए निर्देश, कहा किसी विशेष दुकान से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए नहीं किया जाए मजबूर

स्कूल की वेबसाइट, पीएनटी व्हाट्सएप ग्रुप और नोटिस बोर्ड पर दर्शाएं छात्रों से वसूली जाने वाली फीस/शुल्क का पूरा विवरण

बिजनौर, 04 अप्रैल 2025।
“स्कूल संचालकों को अब छात्रों से वसूल की जाने वाली फीस/शुल्क का पूरा विवरण स्कूल की वेबसाइट और पीएनटी व्हाट्सएप ग्रुप पर दर्शाने के साथ ही स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी अनिवार्य रूप से चस्पा करना होगा। यहीं, अब 05 वर्ष से पूर्व कोई भी विद्यालय छात्र-छात्राओं की ड्रेस नहीं बदलेगा। और, न ही छात्र एवं छात्राओं को किसी दुकान विशेष से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए मजबूर करेगा। स्कूल की बिल्डिंग से भी पाठ्यक्रम एवं स्कूल ड्रेस का वितरण नहीं होग। और, सभी कालेजों में 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए संरक्षित रखी जाएंगी। यदि उक्त निर्देशों के खिलाफ काम करने वाले किसी स्कूल या कॉलेज की शिकायत मिलती हैं, तो उसके प्रबंधन के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

जिलाधिकारी जसजीत कौर ने शुक्रवार, 04 अप्रैल 2025 को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित विद्यालय संचालकों की बैठक में ये निर्देश दिए। निजी स्कूलों में ड्रेस/पाठ्य पुस्तक परिवर्तन तथा शुल्क निर्धारण के सम्बन्ध सीबीएसई/आईसीएसई द्वारा संचालित सेकेण्ड्री/सीनियर सेकेण्ड्री स्कूलों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्यों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीएम श्रीमती कौर ने शासनादेशों का हवाला दिया। डीएम ने निर्देश दिए कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में फीस, पाठ्यक्रम, कर्मचारियों सहित सभी कार्यवाही शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही संपन्न कराएं। उन्होंने कहा कि कॉलेज में जो भी अध्यापक या कर्मचारी कार्यरत हैं, उनके वेतन सहित सभी आवश्यक जानकारियां रखी जाएं। वहीं, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के सभी आवश्यक देयकों का भुगतान भी शासन के निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए।

डीएम ने निर्देश दिए कि छात्रों से वसूल की जाने वाली फीस/शुल्क का पूरा विवरण स्कूल की वेबसाइट और पीएनटी व्हाट्सएप ग्रुप पर दर्शाने के साथ ही स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी अनिवार्य रूप से चस्पां करें। और, 05 वर्ष से पूर्व कोई भी विद्यालय छात्र-छात्राओं की ड्रेस परिवर्तित नहीं करेगा। छात्र एवं छात्राओं को किसी दुकान विशेष से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए भी मजबूर न करें। उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि स्कूल की बिल्डिंग से किसी भी अवस्था में पाठ्यक्रम एवं स्कूल ड्रेस का वितरण न किया जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित कालेज प्रबंधन के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कालेजों में 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए संरक्षित रखी जाएं। शासन के अनुसार प्रबंधन समिति का नवीनीकरण करें और समिति का गठन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को सूचित करें। डीएम ने स्पष्ट कहा कि स्कूल व कॉलेजों द्वारा अभिभावकों एवं छात्रों का शोषण किसी भी अवस्था में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी स्कूलों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि अभिभावकों और छात्रों के हितों को दृष्टिगत रखें। यदि कोई छात्र अपना प्रवेश स्थगित करना चाहता है तो उसको पूरा शुल्क वापस कराना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने सभी स्कूलों की प्रबंधन समितियों को निर्देशित किया कि दिव्यांग तथा आरटीई से संबंधित स्कूलों में स्थान रखें। और, मानवीय आधार पर प्रवेश को सुविधाजनक बनाएं।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सभी स्कूल बाइक का प्रयोग करने वाले बच्चों को शत प्रतिशत रूप से हेलमेट का प्रयोग कराना सुनिश्चित करें। और यथासंभव उनका ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी स्कूल अपने अध्ययनरत बच्चों की अपार आईडी जनरेट कराना सुनिश्चित करें। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन विनय कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण यादव, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ निशांत कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं विभिन्न स्कूलों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्य मौजूद थे।

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