“पांच साल से पहले कोई भी स्कूल नहीं बदलेगा छात्र-छात्राओं की ड्रेस”
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कलक्ट्रेट सभागार में बुलाई निजी स्कूल संचालकों की बैठक


– शासन के निर्देशों के अनुसार ही स्कूल चलाने के लिए दिए जरूरी दिशा-निर्देश
बिजनौर, 21 अप्रैल 2025
जिलाधिकारी जसजीत कौर ने निर्देश दिए कि शैक्षिक सत्र 2025-26 में फीस, ड्रेस एवं पाठ्यक्रम में परिवर्तन सहित सभी कार्यवाही शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही संपन्न कराएं। 05 वर्ष से पूर्व कोई भी विद्यालय छात्र-छात्राओं की ड्रेस परिवर्तित नहीं करेगा। और, न ही छात्र एवं छात्राओं को किसी विशेष किताब विक्रेता से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए मजबूर करेगा। उन्होंने स्पष्ट रूप कहा कि स्कूल की बिल्डिंग से किसी भी अवस्था में पाठ्यक्रम एवं स्कूल ड्रेस का वितरण न किया जाए। डीएम ने यह भी निर्देश दिए कि कॉलेज में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के वेतन सहित सभी जानकारियां अप टू डेट रखीं जाए। और, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के सभी देयकों का भुगतान भी शासन के निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुरूप किया जाए।
डीएम जसजीत कौर 21 अप्रैल 2025 को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित निजी स्कूलों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्यों की बैठक में अध्यक्षता करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दे रही थीं। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में ड्रेस/पाठ्य पुस्तक परिवर्तन तथा शुल्क निर्धारण के सम्बन्ध में शासनादेशों का पालन किया जाए। बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक जयकरण यादव, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिले भर में सीबीएसई/आईसीएसई द्वारा संचालित सेकेण्ड्री/सीनियर सेकेण्ड्री स्कूलों के प्रबन्धक/प्रधानाचार्यं मौजूद थे। डीएम ने कहा कि छात्रों से वसूल की जाने वाली फीस का पूरा विवरण स्कूल की वेबसाइट तथा पीएनटी व्हाट्सएप ग्रुप पर दर्ज करने के साथ ही स्कूल में नोटिस बोर्ड पर भी अनिवार्य रूप से चस्पां करें। उन्होंने निर्देश दिए कि 05 वर्ष से पूर्व कोई भी विद्यालय छात्र-छात्राओं की ड्रेस परिवर्तित नहीं करेगा। और, न ही छात्र एवं छात्राओं को किसी विशेष किताब विक्रेता से पाठ्य पुस्तक खरीदने के लिए मजबूर करेगा।
उन्होंने स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि स्कूल की बिल्डिंग से किसी भी अवस्था में पाठ्यक्रम एवं स्कूल ड्रेस का वितरण न किया जाए।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित कॉलेज प्रबंधन के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिला शुल्क नियामित समिति के अनुसार ही फीस में वृद्धि की जाए। और, इसी के साथ स्कूल के स्टाफ के वेतन में भी वृद्धि सुनिश्चित की जाए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि स्कूल स्टाफ को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन उपलब्ध कराया जाए। उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतीं जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विद्यालय के संचालन के लिए बनाई गई समिति का नवीनीकरण जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में जमा कराए। समिति की पूरी कार्यवाही का विवरण भी जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें।
डीएम ने कहा कि स्कूल व कॉलेजों द्वारा अभिभावकों एवं छात्रों का शोषण किसी भी अवस्था में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने सभी स्कूलों के प्रबंधकों एवं प्रधानाचार्य को निर्देशित किया कि अभिभावकों और छात्रों के हितों को दृष्टिगत रखें, यदि कोई छात्र अपना प्रवेश स्थगित करना चाहता है, तो उसको पूरा शुल्क वापस कराना सुनिश्चित कराएं। उन्होंने सभी स्कूलों की प्रबंधन समितियों को निर्देशित किया कि दिव्यांग तथा आरटीई से संबंधित स्कूलों में स्थान रखें और मानवीय आधार पर प्रवेश को सुविधाजनक बनाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि अभिभावकों की सुविधा एवं मार्गदर्शन के लिए विद्यालय के प्रवेश रिसेप्शन पर विद्यालय का कोड, बोर्ड की मान्यता, उपलब्ध विषय, कक्षा वार शुल्क का विवरण सहित अन्य आवश्यक जानकारियों पर आधारित सूचनाओं को अंकित कराना सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कॉलेजों में 10 प्रतिशत सीटें अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए संरक्षित रखी जाएं। बाइक से स्कूल आने वाले विद्यार्थी ड्राइविंग लाइसेंस बनावाएं और हेलमेट लगाकर ही आएं, स्कूल संचालक इस पर फोकस करें। उन्होंने निर्देशित किया कि सभी स्कूल अपने बच्चों की अपार आईडी जनरेट कराना सुनिश्चित करें।