बिजनौर 22 अप्रैल। जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जिला स्तर के प्रत्येक शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय (निजी) विभाग, संगठन, उपक्रम, स्थापना, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा यूनिट में जहाँ कार्मिकों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों को कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों की जांच के लिए आन्तरिक परिवाद समिति का गठन किये जाने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने कहा है कि यदि कोई नियोजक अपने कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक परिवाद समिति का गठन न किये जाने पर सिद्धदोष ठहराया जाता है तो नियोजक पर पचास हजार रुपये तक का अर्थदण्ड लगाए का प्राविधान है तथा नियोजक द्वारा दूसरी बार सिद्धदोष ठहराए जाने पर अधिरोपित दण्ड से दुगने दण्ड का भागी होगा।
उन्होंने बताया कि उक्त क्रम में उर्पयुक्त कार्यवाही शीर्ष स्तर और राज्य स्तर पर विषय विशेषज्ञों से सम्बन्धित सभी सांविधिक निकायों यथा-डॉक्टरों, वकीलों, आर्किटेक्ट्स्, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, आय-व्यय, लेखक, इंजीनियर्स, बैंकर्स व अन्य विषय विशेषज्ञ को विनियमित करने वाले अभिकरणों के अतिरिक्त विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, प्रशिक्षण केन्द्रों और शैक्षणिक सस्थानों एवं सरकारी तथा निजी चिकित्सालयों/नर्सिंग होम्स आदि के द्वारा भी की जाएगी।
उन्होंने उक्त संबंध में निर्देश दिए कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध एवं प्रतितोष अधिनियम-2013 अधिनियम की धारा 4 के अनुपालन में जिला स्तर के ऐसे प्रत्येक शासकीय, अर्द्धशासकीय एवं अशासकीय (निजी) संगठन, उपक्रम, उद्यम, संस्था, शाखा अथवा यूनिट में जहाँ कार्मिकों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे सभी कार्यालयों के नियोजकों द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी शिकायतों की जांच के लिए आन्तरिक परिवाद समिति का गठन कर गठन की सूचना साथ-साथ समिति में प्राप्त शिकायतों से सम्बधित सूचना निर्धारित प्रारूप पर जिला प्रोबेशन अधिकारी, कार्यालय जनपद बिजनौर की ई-मेल आई०डी० dpobijnor2016@gmail.com पर एवं हार्ड कॉपी को रजिस्ट्रर्ड डाक द्वारा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।