डॉ. जयवन्त खण्डारे को दिया गया “पालि रतन विनिच्छय सम्मान”
अवसर था राष्ट्रीय पालि भाषा परिषद् के उद्घाटन सत्र का।
लखनऊ। राष्ट्रसन्त तुकड़ोजी महाराज नागपुर विद्यापीठ के दीक्षान्त सभागार में 09 मार्च, 2025 केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (लखनऊ परिसर) में पालि विकास अधिकारी डाॅ. जयवन्त खण्डारे को ‘पालि रतन विनिच्छय सम्मान’ से विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलगुरु डॉ. राजेंद्र काकडे द्वारा सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय पालि भाषा परिषद् के उद्घाटन सत्र के अवसर पर प्रभारी कुलगुरु ने अध्यक्षीय भाषण में डाॅ. जयवन्त खण्डारे तथा अन्य तीन विद्वानों-प्रो. भागचन्द्र जैन, प्रो. महेश देवकर तथा डाॅ. तलत परवीन की प्रशंसा की तथा पालि परिषद् के विषय में उत्साहपूर्ण कण्ठ से कहा कि ‘मैंने पालि भाषा में कार्यक्रम का संचालन, पेपर वाचन आदि प्रथम बार देखा है। इस प्रकार के कार्यक्रम बार-बार होने चाहिए। इससे पालि भाषा के प्रचार-प्रसार एवं विकास को बल मिलेगा।’
परिषद में डॉ. खण्डारे ने पालि भाषा के विकास में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के योगदान को रेखांकित करते हुए अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। अपने शोधपत्र में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। लखनऊ परिसर में बौद्धदर्शन एवं पालि विद्याशाखा तथा पालि अध्ययन अनुसन्धान केन्द्र द्वारा किये जा रहे कार्यों से भारत में पालि अध्ययन के क्षेत्र में अभिनव सम्भावनाओं को भी आपने अपने शोधपत्र वाचन के द्वारा प्रस्तुत किया। भारत सरकार द्वारा पालि भाषा को क्लासिकल लैंग्वेज बनाये जाने पर इस प्रकार के कार्यक्रमों की आवश्यकता को भी आपने अपने पत्र में रेखांकित किया। पुनश्च 10 मार्च 2025 को डॉ. खण्डारे द्वारा नागपुर विद्यापीठ के पालि प्राकृत विभाग में अभिधम्म पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर बौद्धदर्शन एवं पालि विद्याशाखा के विभागाध्यक्ष प्रो. गुरुचरण सिंह नेगी, डॉ प्रफुल्ल गड़पाल, डॉ॰ कृष्णा कुमारी एवं डॉ॰ प्रियंका ने उन्हें हार्दिक बधाइयाँ दी है तथा परिसर के सभी प्राध्यापकों ने इस अवसर पर प्रसन्नता व्यक्त की।