“आर्टिफिशयल इंटेलिजेन्स चित्र बना सकता है, चरित्र नहीं”
बुन्देलखंड विष्वविद्यालय में आयोजित सात दिवसीय पुस्तक मेला एवं संगोष्ठी को अतिथियों ने किया संबोधित

झांसी/बिजनौर। बुन्देलखंड विश्वविद्यालय, झांसी में सात दिवसीय पुस्तक मेला एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि पुस्तकों के बीच होने से व्यक्ति के चरित्र का निर्माण होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स चित्र बना सकता है, चरित्र नहीं। पुस्तकों से मित्रता ही हमारी संस्कृति और राष्ट्र का निर्माण करती है।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के हिंदी विभाग, पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ, प्रज्ञा लिटरेरी क्लब, सृजन क्लब तथा हिंदुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार 24 मार्च को आयोजित सात दिवसीय पुस्तक मेला एवं संगोष्ठी का उद्घाटन सारस्वत अतिथि के रूप में नव नालन्दा महाविहार के माननीय कुलपति, प्रो. सिद्धार्थ सिंह ने किया
इस अवसर पर उनके साथ बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय तथा झांसी के मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे थे। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अतिथियों ने कहा कि पुस्तकों के बीच में होने से चरित्र का जो निर्माण होता है, वह आभासी ज्ञान या (आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स) कभी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेन्स चित्र बना सकता है, चरित्र नहीं। पुस्तकें व्यक्ति के लिए नए ज्ञान के मार्ग खोलती हैं। पुस्तकों से मित्रता ही हमारी संस्कृति और राष्ट्र का नया निर्माण करेगी।
बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने प्रो. सिद्धार्थ सिंह से एक एमओयू साइन करने का निवेदन भी किया, जिससे कि दोनों विश्वविद्यालयो के छात्र-छात्राओं को और अधिक सुविधाएं प्रदान की जा सकें। अतिथियों का स्वागत हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुन्ना तिवारी तथा आभार कुलसचिव विनय कुमार सिंह ने ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अचला पांडेय द्वारा किया गया। प्रथम दिन की सांस्कृतिक संध्या में द्रौपदी चीरहरण पर आधारित नाटक, कथक प्रस्तुति तथा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए।