
बिजनौर । उत्तर प्रदेश विधान परिषद की याचिका समिति के सभापति सत्यपाल सिंह ने बुधवार, 19 मार्च 2025 को बिजनौर पहुंचकर लंबित प्रकरणों की समीक्षा की। इस मौके पर कलक्ट्रेट परिसर स्थित महात्मा विदुर सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने जनपद के नागरिकों द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं की निर्धारित बिंदुओं पर समीक्षा की।
समीक्षा के दौरान श्री सत्यपाल ने कहा कि याचिका समिति जनता की “अंतिम आशा” की तरह है। जो सामान्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी याचिका सदन में प्रस्तुत करते हैं। इसे निराकरण के लिए याचिका समिति के सुपुर्द किया जाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार की याचिकाओं को लापरवाही से न लें। गंभीरता, प्राथमिकता और त्वरित गति से उनका निस्तारण करना सुनिश्चित करें, ताकि वादी को उसका लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि याचिका समिति के अंतर्गत प्रस्तुत होने वाले जो भी प्रकरण निस्तारित हो जाए उनकी तत्काल समिति को भी सूचना दें, ताकि उन्हें लंबित प्रकरणों से खारिज किया जा सके।
याचिका समिति के सभापति ने लंबित प्रकरणों पर जिला स्तर पर की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जिला स्तर के अधिकारी सकारात्मक दिशा में बढ़ें हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में भी इसी प्रकार प्रकरणों के निस्तारण में संवेदनशीलता बनी रहेगी। बैठक में समिति द्वारा कुल 08 लंबित प्रकरणों पर समीक्षा की गई। इस मौके पर सभापति श्री सत्यपाल ने बताया कि विदुर कुटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए शासन पूर्णतः गंभीर और संवेदनशील है।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिलाधिकारी के माध्यम से विदुर कुटी को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए और गंगा की धारा को विदुर कुटी तक लाने के लिए कार्य योजना बनाएं। उसे शासन को प्रेषित करें, ताकि समिति के माध्यम से भी उसको स्वीकृत कराने में अपना योगदान दिया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि विदुर कुटी को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए भी कार्य योजना तैयार करें। ताकि, उसके आकर्षण से प्रभावित होकर स्थानीय नागरिक एवं पर्यटक विदुर कुटी का भ्रमण करने के लिए प्रेरित हो सके। उन्होंने निर्देश दिए कि विदुर मंदिर तथा विदुर कुटी स्थित दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करने के लिए बिजनौर से चांदपुर जाने वाली बसों को विदुर कुटी से पास कराने की योजना भी बनाएं।
सभापति ने जनपद में एनआरएलएम के तहत संचालित महिलाओं के समूहों द्वारा निर्मित किए जा रहे उत्पादों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विदुर ब्रांड के उत्पाद, स्वास्थ्यवर्धक, सुरक्षित और बाजार की गुणवत्ता के अनुरूप हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को बधाई देते हुए कहा कि 220000 महिलाएं स्वयं सहायता ग्रुप के तहत विभिन्न प्रकार के उत्पादों को तैयार करने में अपनी भूमिका निभा रही है। और, अपने आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए सफल रूप से प्रयासरत हैं। बैठक से पूर्व सभापति को कलक्ट्रेट प्रांगण में गार्ड ऑफ ओनर भी दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने याचिका समिति के सभापति एवं सदस्यगणों का आभार व्यक्त किया। डीएम ने आश्वस्त किया कि याचिका समिति द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर प्रकरणों का निस्तारण कराया जाएगा। इस अवसर पर सभापति एवं सदस्य गणों को जिला प्रशासन द्वारा ओडीओपी नगीना के काष्ठ उत्पाद घड़ी को प्रतीक चिन्ह, और विदुर ब्रांड उत्पादों की किट भेंट करते हुए सम्मानित किया गया।
समीक्षा बैठक में याचिका समिति के सदस्यगण जितेंद्र सिंह सेंगर, विजय बहादुर पाठक, हरि सिंह ढिल्लों, जिलाधिकारी जसजीत कौर, पुलिस अधीक्षक अभिषेक झा, मुख्य विकास अधिकारी पूर्ण बोरा, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञानेश्वर तिवारी सहित अन्य संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।